कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर देशभर में घोषित लॉकडाउन के बीच पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी रात-दिन जुटे हुए हैं। वह अपने निजी हितों का त्याग कर रहे हैं। ऐसे ही दो मामले चर्चा में है, जिन्होंने कोरोना ड्यूटी के चलते अपने विवाह टाल दिए। नरसिंहपुर की एसडीएम संघमित्रा बौद्ध की शादी 12 अप्रैल को तय थी, छुट्टी मिल चुकी थी, कोर्ड छप गए थे, सारी तैयारियां हो गई थीं, लेकिन उन्होंने शादी को आगे बढ़ाने का फैसला किया। वहीं राजगढ़ के माचलपुर थाने में पदस्थ एसआई जितेंद्र अजनारे ने भी अपने कर्तव्य को प्राथमिकता देते हुये शादी के तयशुदा कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है।
एसडीएम संघमित्रा ने तय किया शादी बाद में, पहले देश सेवा
कोरोना से लड़ने नरसिंहपुर में पदस्थ करेली एसडीएम संघमित्रा बौद्ध ने अपनी शादी के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है। संघमित्रा बौद्ध ने समर्पण औऱ कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल पेश करते हुए कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए अपने विवाह कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का फैसला किया। उन्होंने शादी के लिए मिले अवकाश को निरस्त करने का आवेदन नरसिंहपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना को भेजा है। दतिया निवासी संघमित्रा बौद्ध की सगाई 8 फरवरी को निवाड़ी के अभिषेक चौरसिया से हुई है। अभिषेक भी एसडीएम हैं और भिंड में पदस्थ हैं। दोनों की शादी 12 अप्रैल को दतिया से होनी थी। शादी की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। रिश्तेदारों में कार्ड भी चले गए हैं। दोनों की छुट्टी भी मंजूर हो गई थी, लेकिन कोरोना संकट को देखते हुए दोनों ने तय किया कि अब शादी बाद में पहले जनता की सेवा करेंगे। संघमित्रा बौद्ध ने कोरोना बचाव एवं राहत कार्य के लिए नरसिंहपुर जिले के लिए 10 हजार रुपये एवं मप्र प्रशासनिक सेवा संघ में 10 हजार रुपये डोनेशन भी दिया है।
कर्तव्य को पहली प्राथमिकता, बाकी सब बाद में
माचलपुर में एसआई जितेंद्र अजनारे की शादी 4 माह पहले उनके गृह नगर मनावर जिला धार की रहने वाली कोमल के साथ 4 अप्रैल 2020 को तय हुई थी। दोनों परिवारों ने शादी की सभी तैयारियां पूरी कर ली थीं। विवाह समारोह की पत्रिका भी रिश्तेदारों को भेजकर न्योता दिया जा चुका था। जितेन्द्र अजनारे की छुट्टी भी स्वीकृत हो गई थी, इस बीच अचानक कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के कारण अजनारे ने सेवा और कर्तव्य को प्राथमिकता देते हुए विवाह कार्यक्रम को स्थगित करने का निर्णय लिया। इस फैसले पर जितेन्द्र अजनारे को अपने परिजनों एवं सामाजिक विरोध का भी सामना करना पड़ा। सबका कहना था कि शादी की पूरी तैयारियां हो चुकी हैं फिर विवाह क्यों स्थगित किया जा रहा है, लेकिन अजनारे ने अपने परिजनों को समझाकर इस बात के लिये राजी कर लिया कि शादी का कार्यक्रम स्थगित कर दिया जाए, क्योंकि अभी मेरी शादी का कार्यक्रम इतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना कि देश व समाज को मेरी आवश्यकता है।